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हिंदी जीवन कविताJivan डॉ. कुलभूषणलाल मखीजा HINDI POEM Std.5th

 हिंदी जीवन कविता(Jivan ): डॉ. कुलभूषणलाल मखीजा :HINDI POEM : Std.5th

 

जीवन है चलनेका नाम ।
करना कभी नहीं विश्राम ।।

घड़ी सदा टिक-टिक करती,
रुकनेका नहीं लेती नाम ।
 घड़ीनुमा सब आगे बढ़ना,
 सूरज-सा नित ऊपर उठना ।
 कण-कण मेंअपनत्व देखकर,
 सबको दिल सेकरो प्रणाम 

लहराना सागर से सीखो,
आसमान-सा हृदय विशाल 
सहनशील बन धरती जैसे,
मिलजुल करतेजाना काम ।
जो चलता वह आगे बढ़ता,
मेहनत कर पाता पद नाम ।।

माँ जैसी हो मीठी बोली,
मन में सच्चे उच्च विचार ।
अपनेजैसा सबको जानो,
सेवा का कर लो सुविचार ।
जीवन है चलनेका नाम,
करना कभी नहीं विश्राम ।।

कवि
डॉ. कुलभूषणलाल मखीजा


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